Once you develop any type of ‘understanding’, two miraculous changes occur instantly in life. -First, problems do not remain problems any more. -And second, these problems actually turn into a source of strength. … [Read more...]
How to become an IAS Part-2
Have faith that if destinations exist, so do pathways. This would mean that these paths often lead you to your destination. Perhaps, it doesn’t hold true for all pedestrians, but there are some who are able to overcome all obstacles and reach their destination. This could be you.Unlike what most people believe, neither are destinations out of reach, nor is the road to the … [Read more...]
101 लघुकथाएँ
ये लघुकथाएँ मानव के मन और मस्तिष्क के द्वंद्वों तथा उनके विरोधाभासों को जिंदगी की रोजमर्रा की घटनाओं और व्यवहारों के माध्यम से हमारे सामने लाती हैं। इनमें जहाँ भावुक मन की तिलमिलाती हुई तरंगें मिलेंगी, वहीं उनके तल में मौजूद विचारों के मोती भी। पाठक इसमें मन और विचारों के एक ऐसे मेले की सैर कर सकता है, जहाँ बहुत सी चीजें हैं, और तरीके एवं सलीके से भी हैं।इस संग्रह की विषेषता … [Read more...]
आप IAS कैसे बनेंगे भाग-2
यदि मंजिलें हैं, तो हमें विश्वास करना चाहिए कि रास्ते भी होंगे ही। फिर जब रास्ते होते ही हैं, तो मंजिलों तक पहुँचा भी जाता होगा। भले ही सभी राहगीर न पहुँचे, लेकिन कोई न कोई, कुछ न कुछ लोग तो वहाँ पहुँचते भी होंगे। इनमें एक आप भी हो सकते हैं। … [Read more...]
प्रशासनिक चिंतक
डॉ० विजय अग्रवाल द्वारा लिखी गई इस पुस्तक ‘प्रशासनिक चिन्तक’ की दो अपनी विशेषताएँ हैं - पहली यह कि यह मूल हिन्दी में ही लिखी गई है। इसमें आपको अनुवाद के कारण पैदा हुई कठिनाई से गुजरना नहीं पड़ेगा। दूसरी यह कि यह पुस्तक सिद्धान्त, समझदारी और अनुभव को मिलाकर लिखी गई है। … [Read more...]
आज़ादी की कहानी (पंजाबी)
इतिहास डॉ. विजय अग्रवाल का इतना अधिक प्रिय विषय रहा है कि उन्होंने आई.एस.एस की प्रारम्भिक एवं मुख्य परीक्षा में भी इसे रखा। पिछले तीस सालों से वे सिविल सेवा के परीक्षार्थियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। इन दोनों के सामंजस्य ने इस विषय के प्रति उन्हें जो गहरी अन्तर्दृष्टि दी है, उसी का नतीजा है यह पुस्तक ‘‘आजादी की कहानी।’’ इस पुस्तक की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह आपको अपनी ढेर सारी … [Read more...]
स्टूडेन्ट और प्रेम की समझ (पंजाबी)
किसी भी तरह की ‘समझ’ आते ही जिंदगी में दो चमत्कार तुरंत हो जाते हैं- पहला चमत्कार कि समस्या समस्या नहीं रह जाती। दूसरा चमत्कार यह कि यही समस्या शक्ति बन जाती है। जैसे ही आपमें ‘प्रेम की समझ’ पैदा होगी, आप पहली बार सच्चे प्रेम को महसूस करके सच्ची उड़ान भर सकेंगे। यह पुस्तक इसी उड़ान में आपकी मदद करेगी। प्रेम के लगभग सभी रंगों एवं गहराई को पूरी खूबसूरती एवं रोचकता के साथ समेटे … [Read more...]
क्रोध से छुटकारा
ऐसा कोई भी नहीं होगा, जिसके पास क्रोध न हो। ऐसा भी कोई नहीं होगा, जो इसके होने से परेशान न हो। तो ऐसे में हम करें तो क्या करें? फिïलहाल इसका एक उपाय यह हो सकता है कि आप इस पुस्तक को पढ़ें। … [Read more...]
समय आपकी मुट्ठी में (पंजाबी)
समय-प्रबंधन पर एक अद्भुत पुस्तक। सचमुच, यह पुस्तक युवाओं, बड़ों तथा विशेषकर विद्यार्थियों और प्रोफ़ेशनल्स के लिए समय-प्रबंधन के लिहाज़ से बहुत उपयोगी है। मुझे ख़ासतौर से ‘दैनिक जीवन के लिए समय’ वाला चैप्टर बहुत अच्छा लगा। -डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति … [Read more...]
Dr Vijay Agrawal on “Achieving Excellence through Life Management” Part-3
Faculty Development Programme session by : Dr Vijay Agrawal on "Achieving Excellence through Life Management" (Part 3) … [Read more...]
Dr Vijay Agrawal on “Achieving Excellence through Life Management” Part-2
Faculty Development Programme session by : Dr Vijay Agrawal on "Achieving Excellence through Life Management" (Part 2) … [Read more...]
Dr Vijay Agrawal on “Achieving Excellence through Life Management” Part-1
Faculty Development Programme session by : Dr Vijay Agrawal on "Achieving Excellence through Life Management" (Part 1) … [Read more...]
DR. VIJAY AGRAWAL ON LORD HANUMAN
Dr. Vijay Agrawal’s motivational discourse on “Lord Ram”.. … [Read more...]
स्टूडेंट और पर्सनैलिटी डवलपमेंट (पंजाबी)
आज के दौर में जिंदगी का कॉम्पटीशन केवल पढ़ाई के दम पर नहीं जीता जा सकता। जिंदगी में आगे निकलने के लिए कुछ अलग और ख़ास बनने की ज़रूरत होती है। और यह झलकता है आपकी पर्सनैलिटी से, जो भीड़ में होते हुए भी आपको भीड़ से अलग बना देती है। … [Read more...]
स्टुडेंट और मन की शक्ति (पंजाबी)
हम अपनी कमजोरियों को हमारी ताकत में कैसे बदल सकते हैं? हमारी बाधाओं को अपनी सबसे शक्तिशाली संपत्ति कैसे बना सकते हैं? यह हम कर सकते हैं अपने विचार प्रक्रिया तथा मन पर पर्याप्त नियंत्रण पाकर। हम यह जानते है की यह भावनात्मक बुद्धिमत्ता ही है, जिसकी … [Read more...]
आप आई. ए. एस. कैसे बनेंगे (पंजाबी)
आई.ए.एस. की परीक्षा की तैयारी के बारे में आप अपनी कोई भी समस्या रखिए, यह पुस्तक आपको उसका समाधान सुझाएगी- प्रारम्भिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा तथा इन्टरव्यू से लेकर आपके मन तक की समस्याओं के समाधान। यह किताब आपसे सीधे-सीधे बातचीत करती है, और वह भी बहुत विस्तारपूर्वक सरलता के साथ, इस तरह कि कुछ भी अनसमझा नहीं रह जाता। परीक्षा की तैयारी संबंधी सैद्धांतिक बातों से इसका कोई … [Read more...]
How to Become an IAS
You may have any query about the IAS exam, this book will give you a solution – you will find answers to all your doubts on preliminary exam, mains and interview. … [Read more...]
जीवन का महामंत्र हनुमान चालीसा
यह ‘हनुमान चालीसा' की एक ऐसी सरल, व्यावहारिक किन्तु सारगर्भित व्याख्या है, जो मन को गदगद कर देती है। जीवन की सफलता के और अध्यात्म के कितने सुन्दर सूत्र ‘हनुमान चालीसा में छिपे हुए हैं, इस पुस्तक को पढ़कर ही जाना जा सकता है। … [Read more...]
Dr Vijay Agrawal on Identity Crisis
Dr. Vijay Agrawal’s motivational discourse on “Identity Crisis”.. … [Read more...]
पढो तो ऐसे पढो (पंजाबी)
एक सच्चे सुख की खोज में स्वयं यथार्थी-करण प्राप्त करना चाहिए। मानव मन अनंत संभावनाओं से भरा है। यह संभावनाएं तभी यथार्थ मैं परिवर्तित हो सकेंगी जब हममे पारंपरिक तरीकों से परे कदम रखने की सोच आएगी और … [Read more...]
सही हिन्दी सुन्दर हिन्दी
- यदि आप चाहते हैं कि आपकी हिन्दी *सही हो, और *सुन्दर भी हो तो निश्चित रूप से यह किताब आपके लिए ही है। - यदि आप चाहते हैं कि आपको … [Read more...]
आज़ादी की कहानी
इतिहास डॉ. विजय अग्रवाल का इतना अधिक प्रिय विषय रहा है कि उन्होंने आई.एस.एस की प्रारम्भिक एवं मुख्य परीक्षा में भी इसे रखा। पिछले तीस सालों से वे सिविल सेवा के परीक्षार्थियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। इन दोनों के सामंजस्य ने इस विषय के प्रति उन्हें जो गहरी अन्तर्दृष्टि दी है, उसी का नतीजा है यह पुस्तक ‘‘आजादी की कहानी।’’ … [Read more...]
Dr Vijay Agrawal on Dukhon se Chhutkara
Dr. Vijay Agrawal’s motivational discourse on “Dukhon se Chhutkara”.. … [Read more...]
स्टुडेंट और टाइम मैनेजमेंट (पंजाबी)
समय एक श्रेष्ठ संसाधन है जिसकी कमी हम में से ज्यादातर के पास है। अगर ठीक सेप्रबंधित किया जाए तो यह हमें आजाद एवं हलका करने के लिए अद्भुत … [Read more...]
Ata Usheer Kashala (Marathi)
Book Summary of Ata Usheer Kashala (Marathi) This book provides … [Read more...]
Sunder Lene Velet Ghadwa (Marathi)
This book provides the knowledge on 'Time Management' … [Read more...]
Man Jinka Jag Jinka
In this book, author has explained through several anecdotes and … [Read more...]
Yogya Nirnay Kase Ghyave
अगर एक सफल और असफल व्यक्ति में कोई अंतर होता है, तो वह सिर्फ निर्णयों का होता है। जहाँ एक सफल व्यक्ति अपनी ज़िन्दगी में ज्यादातर निर्णय सही लेता है, वहीं असफल व्यक्ति के अधिकतर निर्णय गलत साबित होते हैं। … [Read more...]
VIDYARTHI ANE PERSNALITY (Gujarati)
आज के दौर में जिंदगी का कॉम्पटीशन केवल पढ़ाई के दम पर नहीं जीता जा सकता। जिंदगी में आगे निकलने के लिए कुछ अलग और ख़ास बनने की ज़रूरत होती है। और यह झलकता है आपकी पर्सनैलिटी से, जो भीड़ में होते हुए भी आपको भीड़ से अलग बना देती है। … [Read more...]
TAME PAN BANI SHAKO CHHO RAMA (Gujarati)
दरअसल, यह किताब राम के ज़रीए उस जादुई तत्व की तलाश करती है, जिसके मिलते ही कोई भी राम बन जाता है। जी हाँ, आप भी। विश्लेषण एकदम नया है, चामत्कारिक और रोमांचकारी भी। राम के चरित्र के … [Read more...]
BHANO TO EVI TITE BHANO (Gujarati)
एक सच्चे सुख की खोज में स्वयं यथार्थी-करण प्राप्त करना चाहिए। मानव मन अनंत संभावनाओं से भरा है। यह संभावनाएं तभी यथार्थ मैं परिवर्तित हो सकेंगी जब हममे पारंपरिक तरीकों से परे कदम रखने की सोच आएगी और हमारे मस्तिष्क का अभी तक अप्रयुक्त, शायद यह … [Read more...]
ANANDNI PYALI (Gujrati)
यह पुस्तक आपको दुखों से छुटकारा दिलाकर, सुखी बनाने और आनंद की प्राप्ती में आपकी सहायक बनेगी। जि़ंदगी कोई भारी भरकम बोझ नहीं है, जिसे जबरदस्ती ढोया जाए। लेकिन ज्यादातर लोगों को यह बोझ ही लगती है क्योंकि वे इसे एसा ही समझते हैं। … [Read more...]
Sada Safal Hanuman (Gujarati)
हनुमानजी से सीखें सफलता और मैनेजमेंट के सूत्र। विष्व में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो किसी न किसी कार्य में, कभी न कभी असफल न हुआ हो। कुछ लोग इसलिए अधिक सफल होते हैं क्योंकि वे अपनी प्रत्येक असफलता के कारणों की खोज करते हैं और अगली बार प्रयत्न करते समय … [Read more...]
Vidhyarthi Ane Mann Ni Shakti
हम अपनी कमजोरियों को हमारी ताकत में कैसे बदल सकते हैं? हमारी बाधाओं को अपनी सबसे शक्तिशाली संपत्ति कैसे बना सकते हैं? यह हम कर सकते हैं अपने विचार प्रक्रिया तथा मन पर पर्याप्त नियंत्रण पाकर। हम यह जानते है की … [Read more...]
Mann Ne Jeeto Duniya Jeeto
In this book, author has explained through several … [Read more...]
Samay Tamari Mutthima
समय-प्रबंधन पर एक अद्भुत पुस्तक सचमुच, यह पुस्तक युवाओं, बड़ों तथा विशेषकर विद्यार्थियों और प्रोफ़ेशनल्स के लिए समय-प्रबंधन के लिहाज़ से बहुत उपयोगी है। मुझे ख़ासतौर से ‘दैनिक जीवन के लिए समय’ वाला चैप्टर बहुत अच्छा लगा। -डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति … [Read more...]
Vidhyarthi Ane Time Management
समय एक श्रेष्ठ संसाधन है जिसकी कमी हम में से ज्यादातर के पास है। अगर ठीक से … [Read more...]
असफल होना ज़रूरी क्यों है
सफल वे नहीं होते, जो कभी गिरते नहीं है, बल्कि वे होते है, जो गिरने के बाद गिरने के कारणों का मूल्यांकन करके फिर उठ खड़े होते है। ऐसा कर पाना सुनने में जितना आसान लगता है, उतना होता नहीं है। यह किताब आपको इसी गिरने के बाद उठने के बारे में बताती है … [Read more...]
धार्मिक पुनरीक्षण के दौर में दुनिया
बीसवीं शताब्दी के उत्तराद्र्व के अंतिम चैथाई भाग से लेकर इक्कीसवीं शतब्दी के आज तक की विशेषकर सूचना क्रांति, जैविकीय क्षेत्र के अनुसंधानों तथा इनके दबावों से उत्पन्न आर्थिक उदारीकरण का प्रभाव केवल बाजार पर ही नहीं पड़ा है, बल्कि उसने व्यक्ति की मूलभूत चेतना से लेकर सदियों तक जड़ जमाई हुई उसकी अत्यंत गहरी एवं बुनियादी धार्मिक अवधारणाओं तक को उलट दिया है। इस तथ्य का सबसे जीवंत … [Read more...]
Dr Vijay Agrawal on Lord Ram
Dr. Vijay Agrawal's motivational discourse on "Lord Ram".. … [Read more...]
Dr Vijay Agrawal on Bhagwat Gita
Dr. Vijay Agrawal's motivational discourse on "Bhagwat Gita".. … [Read more...]
Dr. Vijay Agrawal on Lord Krishna
Dr. Vijay Agrawal's motivational discourse on Lord Krishna.. … [Read more...]
स्टूडेन्ट और प्रेम की समझ
किसी भी तरह की ‘समझ’ आते ही जिंदगी में दो चमत्कार तुरंत हो जाते हैं- पहला चमत्कार कि समस्या समस्या नहीं रह जाती। दूसरा चमत्कार यह कि यही समस्या शक्ति बन जाती है। जैसे ही आपमें ‘प्रेम की समझ’ पैदा होगी, आप पहली बार … [Read more...]
Personality Development For Students
In this day and age, it is not possible to win the competition of life based only on studies. To stay ahead in life, you need to be different and unique. This is exhibited in your personality, which makes you stand out even in a crowd. … [Read more...]
आप IAS कैसे बनेंगे
आई.ए.एस. की परीक्षा की तैयारी के बारे में आप अपनी कोई भी समस्या रखिए, यह पुस्तक आपको उसका समाधान सुझाएगी- प्रारम्भिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा तथा इन्टरव्यू से लेकर आपके मन तक की समस्याओं के समाधान। यह किताब आपसे सीधे-सीधे बातचीत करती है, और वह भी बहुत विस्तारपूर्वक सरलता के साथ, इस तरह कि कुछ भी अनसमझा नहीं रह जाता। परीक्षा की तैयारी संबंधी सैद्धांतिक बातों से इसका कोई … [Read more...]
ऊर्जा का आह्वान है नवरात्रि का पर्व
हमारे आदि पुरुष ‘मनु’ ने धर्म की परिभाषा दी है कि जो ‘‘धारण करने योग्य हो, वह धर्म होता है’’ क्या हम इस परिभाषा को नवरात्रि जैसे विशुद्ध धार्मिक विधान पर लागू कर सकते है? इसमें नौ राते आती हैं। इन दिनों माँ दुर्गा की आराधना की जाती है। व्रत रखा जाता है। यथासंभव पवित्र जीवन जीने की कोशिश की जाती है। तो इसमें धारण करने योग्य क्या है। … [Read more...]
Student Development Program-III Audio Lecture by Dr. Vijay Agrawal
Academy For Excellence brings you Student Development Program (SDP) an audio lecture series by Dr. Vijay Agrawal for success and development of students. These audio lectures are … [Read more...]
Student Development Program-II Audio Lecture by Dr. Vijay Agrawal
Academy For Excellence brings you Student Development Program (SDP) an audio lecture series by Dr. Vijay Agrawal for success and development of students. These audio lectures are … [Read more...]
Student Development Program-I Audio Lecture by Dr. Vijay Agrawal
Academy For Excellence brings you Student Development Program (SDP) an audio lecture series by Dr. Vijay Agrawal for success and development of students. These audio lectures are … [Read more...]
Motivational Seminar For Students- Dr. Vijay Agarwal
Motivational Seminar of Dr. Vijay Agrawal for students at "Career Point" in Kota, Rajasthan. … [Read more...]
क्या करें की बात बन जाए
‘उसके हाथ में जादू है। वह जिस चीज़ को भी छू देता है, वह सोना बन जाता है।’ आप भी अपने हाथ में वह जादू पैदा कर सकते हैं, यह जानकर कि आप ऐसा क्या करें कि बात बन जाए। आप इससे सफलता की इसी रेसिपी को सीख सकेंगे। हमें हमारे बड़ों ने सफलता के लिए सिखाया है कि ‘खूब मेहनत करो।’ वे गलत नहीं हैं। लेकिन यह भी है कि यही सब कुछ नहीं है। तो फिर अन्य क्या हैं? यह किताब आपको … [Read more...]
खुशहाल जीवन के मंत्र
क्या आप मानते हैं कि दूसरों की ज़िन्दगी के अनुभव और घटनाएं आपके लिए बेशकीमती हो सकतीं हैं? यदि हाँ, तो यकीनन यह किताब आपके लिए बेशकीमती साबित होगी। इस पुस्तक ‘खुशहाल जीवन के मंत्र’ की रेंज में आप सामान्य-व्यवहार से लेकर आध्यात्मिकता की ऊँचाई तक का रसास्वादन कर सकेंगे। ‘मानों तो भगवान, नहीं तो पत्थर।’ मानों तो मंत्र, नहीं तो महज़ शब्दों का जाल। यानी कि यह आपके ऊपर है कि आप … [Read more...]
आप भी बन सकते हैं राम
निश्चित तौर पर राम हमारे काम के है, और बहुत-बहुत काम के। किन्तु किस रूप में और किस तरह? यहाँ हमारे सामने दो रास्ते हैं, और यह हम पर है कि इन दो रास्तों में से हम अपने लिए कौन सा रास्ता चुनते हैं, और इसी रास्ते से सब कुछ बदल जायेगा। … [Read more...]
गज़ब का रंगरेज है होली
जैसे दीपावली का ख्याल आते ही जेहन में जलते हुए दीए झिलमिलाने लगते हैं, ठीक वैसे ही होली की याद कौंधते ही दिमाग के पटल पर रंगों के न जाने कितने इन्द्रधनुष बेतरतीब ढंग से पसर जाते हैं। होता तो यहाँ तक है दोस्तों कि जब कभी रंगों की दुकान के सामने से गुजरने का मौका मिलता है, स्मृति में छोटी-मोटी अस्थायी होली अपने आप मच जाती है। अच्छा ही है कि ऐसा होता है, अन्यथा सोचकर देखिए कि यदि … [Read more...]
स्वाद कहाँ है?
बहुत लोगों से पूछा मैंने, और उनसे खरीदकर लाया भी, लेकिन वैसा नीबू नहीं ला पाया, जैसा कि वह चाहता था। … [Read more...]
“हुस्न-ए-मल्लिका: मर्लिन मुनरो”
मैं समझता हूँ कि मुझे यह बताने की कतई जरूरत नहीं है कि मर्लिन मुनरो कौन थी। जी हाँ, आप ठीक सोच रहे हैं, गजब की सुन्दर वही फिल्म एक्ट्रेस, उठी हुई घेरेदार स्कर्ट वाले जिसके बड़े-बड़े पोस्टर्स आपको फूटपाथ से लेकर कला संग्रहालयों तक में मिल जायेंगे और … [Read more...]
नव वर्ष हो नयामय
संकट कब आता है? संकट आता ही तब है, जब दो चीजों में, दो बातों में, दो स्थितियों में, दो विचारों और दो व्यक्तित्यों आदि-आदि में या तो तालमेल नहीं बैठता, या यदि कभी बैठ रहा था, तो अब बैठना बंद हो गया है। तालमेल खत्म यानी कि संकट की शुरूआत। … [Read more...]
भगवान-एक जादूगर
भगवान यानी कि सच्ची-मुच्ची का एक जादूगर, एक ऐसा जादूगर, जो कुछ भी ऐसा कर सकता है, जैसा कि आमतौर पर होता नहीं है। उसकी डिक्शनरी में ‘असंम्भव’ नामक शब्द का अस्तित्व ही नहीं है। जब कभी मैं भगवान की इस जादूगर वाले चरित्र को लेकर भगवान कृष्ण के बारे में सोचता हूँ, तो असमंजस में पड़ जाता हूँ। … [Read more...]
जिन्दिगियाँ-“रेल का डिब्बा”
मुझे कभी-कभी लगता है, मानो कि हममें से ज्यादातर लोगों की जिन्दिगियाँ यहाँ तक कि 99.999% लोगों से भी अधिक की जिन्दगियां रेल का डिब्बा बनकर रह गई है। रेल का डिब्बा, यानी कि वह, जिसका अपना कुछ नहीं है, कुछ भी नहीं है। … [Read more...]
अंधे धृतराष्ट्र
आपकी तरह मैंने भी पढ़ा है कि धृतराष्ट्र अंधा था। सच में था या नहीं, न तो आप गारंटी दे सकते है, और न ही मैं दे सकता हूँ। लेकिन हम दोनों इस बात की गारंटी तो दे ही सकते है कि बुद्धि के लिहाज से वह सचमुच में अंधा था, फिर चाहे उसकी दोनों आँखें कितनी भी स्वस्थ क्यों न रही हों। … [Read more...]
लोगों की परेशानी
लोगों की एक बहुत बड़ी परेशानी है, खासकर उनकी, जिनके यहाँ दूसरे लोग काम करते हैं कि “लोग काम नहीं करना चाहते, चाहे उनके लिए कितना भी कुछ क्यों न कर दिया जाये।” इन लोगों की इस शिकायत को मैं सीधे-सीधे अस्वीकार कर सकूं, यह कूबत मुझमें नहीं है, क्योंकि वे गलत नहीं कह रहे होते हैं। … [Read more...]
अमिताभ बच्चन से मुलाकात
अमिताभ बच्चन, जी हाँ, उन्हीं एक्टर अमिताभ बच्चन जी से यह मेरी पहली मुलाकात नहीं थी। लेकिन इस मामले में यह पहली जरूर थी, कि इस बार मैं उनमें उनकी सफलता के सबसे बड़े रहस्य को पकड़ना चाहता था। उनके बारे में आपने बहुत कुछ पढ़ा होगा, देखा होगा, सुना भी होगा कि वे बहुत अनुशासित व्यक्ति हैं। … [Read more...]
AAP BHI BAN SAKTEIN HAIN RAM -Dr. Vijay Agrawal
This is the NEWS story from Bansal news on Dr. Vijay Agrawal's latest book "Aap bhi ban sakte hain Ram"..... … [Read more...]
अमेरिका का उदाहरण
“प्लीज, आप मुझे अमेरीका का उदाहरण मत दीजिये। धन के मामले में वह बड़ा हो सकता है। है ही। लेकिन रिलेशनशिप के मामले में नहीं। वहाँ के रिलेशनशिप के सेन्टर में लॉ है- मदर इन लॉ, ब्रदर इन लॉ आदि। जिस रिलेशन को लॉ बनाता है, उस रिलेशन को लॉ तोड़ भी सकता है। क्या हमारे यहाँ ऐसा है?” … [Read more...]
विजयादशमी के मायने
राम और रावण वस्तुतः हमारे जीवन में चेतना के दो अलग-अलग छोरों और स्तरों का प्रतिनिधित्व करते हैं, और दोनों छोर अपने-अपने चरम पर हैं। राम जहाँ चेतना की परम विशुद्ध अवस्था है, तो वहीं रावण चेतना की अत्यंत प्रदूषिण अवस्था। इस सच्चाई को “रामचरितमानस” के अब तक उपेक्षित किन्तु बहुत ही महत्वपूर्ण प्रसंग में देखा जा सकता है। … [Read more...]
एक ड्रायवर
“सर, कैसी लगी आपको यह। अच्छी लगी न। मैंने कहा था न कि यह आपको अच्छी लगेगी। अब मैं इसे हमेशा अपनी गाड़ी में ही रखता हूँ। जब भी कोई सवारी इसमें बैठती हैं, मैं उसे यह थमा देता हूँ कि साहब, आप इसे पलट लीजिये। रास्ता भी कट जायेगा, मजा भी आयेगा और सबसे बड़ी बात तो यह कि कितना कुछ जान जायेंगे आप ज़िंदगी के बारे में। सर, एक बार तो जब मैं किसी को चंडीगढ़ लेकर गया था, तब तो मैं उनसे इसे … [Read more...]
जो सरल हैं वही है महान
“पापा, ऐसी जगह पर आकर लगता है, कि सच में हम क्या हैं और कितने छोटे हैं।” मैंने कहा, “हां, ऐसी जगहों की देन केवल यही नहीं होती कि उसने तुमको दिया कितना है, बल्कि इससे भी कहीं अधिक यह होती है कि तुमने लिया क्या है। … [Read more...]
अपनी भाषा का जादू
“आप लोग मुझे किस लैंग्वेज में सुनना चाहेंगे, हिन्दी में या अंग्रेजी में?”, उनके इस प्रश्न के जवाब में जो उत्तर गूंजा, वह लगभग शोरगुल जैसा था, लेकिन ऐसा भी नहीं कि समझ में न आया हो कि कहा क्या जा रहा है। जब यह शोरगुल, जो लगभग एक मिनट तो चला ही होगा, थम गया, तो उस शांत माहौल में एकदम पीछे से एक गंभीर सी आवज उभरी, “जावेद साहब, आप उस जुबान में बोलिए- जो आपके दिल के सबसे करीब हो।” … [Read more...]
प्यारनामा
यदि सोच-विचार करना है, तो पहले कर लो। लेकिन प्यार करने के बाद सोच-विचार मत करो। तुम जिससे प्यार करते हो उसको प्यार करने से बेहतर है उससे प्यार करना जो तुमसे प्यार करता है। … [Read more...]
स्वर्ण-मृग प्रसंग (भाग-3)
मेरे प्रिय, मैं आपको पहले ही बता चुका हूँ कि श्रीराम न केवल अपनी ही चेतना को विशुद्ध रखना चाहते थे, बल्कि अपने साथ के लोगों की चेतना को भी विशुद्ध करना चाहते थे। फिर सीता तो उनकी अर्द्धांगिनी ही थी; एक ऐसी अर्द्धांगिनी, जिसे उन्होंने मन ही मन चाहा था और अपने शौर्य के द्वारा पाया था। उनकी चेतना को तो विशुद्ध करना ही था। … [Read more...]
आप भी बन सकते हैं राम
दरअसल, यह किताब राम के ज़रीए उस जादुई तत्व की तलाश करती है, जिसके मिलते ही कोई भी राम बन जाता है। जी हाँ, आप भी। विश्लेषण एकदम नया है, चामत्कारिक और रोमांचकारी भी। राम के चरित्र के इतने नये आयाम आपको इसमें पहली बार देखने को मिलेंगे। राम क्या थे? इस सवाल के जवाब में प्रश्न यह है कि वे क्या नहीं थे- एक आदर्श पुत्र, पति, भाई, शासक, देव, दोस्त, सहायक तथा और भी न … [Read more...]
स्वर्ण-मृग प्रसंग (भाग-2)
यहाँ प्रश्न यह है कि श्रीराम को यह बात कहने की जरूरत क्यों पड़ी। ऐसा तो नहीं था कि लक्ष्मण इतने नासमझ थे कि वे यह बात जानते नहीं थे। श्रीराम के साथ ही उन्होंने गुरू से शिक्षा पायी थी। श्रीराम के साथ ही वे विश्वामित्र के साथ राक्षसों का वध करने गये थे। अभी भी वे तेरह वर्षों से श्रीराम के साथ ही रह रहे थे। तो क्या श्रीराम के व्यक्तित्व और विचारों को अभी तक लक्ष्मण आत्मसात नहीं कर … [Read more...]
स्वर्ण-मृग प्रसंग (भाग-1)
यह ‘रामचरितमानस’ का बहुत ही खूबसूरत और रोचक प्रसंग है। प्रसंग कुछ यूँ है कि राम, सीता और लक्ष्मण अपनी कुटिया में बैठे हुए हैं और उसी समय एक स्वर्ण मृग वहाँ आता है। सीता उस मृग को देखकर मोहित हो जाती हैं और अपने पति श्रीराम से अनुरोध करती हैं कि मुझे उसकी खाल चाहिए। श्रीराम कुछ नहीं कहते और सीता को लक्ष्मण की रखवाली में सौंपकर, लक्ष्मण को कुछ आवश्यक निर्देश देकर मृग के पीछे चले … [Read more...]
दायित्व निभाओ
श्रीराम ने अपने न्यूनतम प्रतिरोध के सिद्धांत को एक विशाल कैनवास पर चित्रित किया है। इस विशाल कैनवास पर हम उन्हें अपने दायित्वों का पूरी तरह से निर्वाह करते हुए पाते हैं। राम को आप कहीं भी अपने दायित्वों से बचते हुए नहीं पायेंग, यहाँ तक कि दूसरों के लिये भी। … [Read more...]
लक्ष्मण को क्यों कंट्रोल नहीं करते थे राम?
राम संतुलन के सिद्धांत को भी अच्छी तरह समझते थे। वे स्वयं तो शालीन थे, लेकिन क्या शेष जगत भी शालीन था? यदि नहीं, तो इस अशालीन दुनिया का मुकाबला राम करेंगे कैसे। भले लोग अगर एकदम भले ही बने रहे, तो क्या लोग जीने देंगे इन भले लोगों को। नोंच-नोंचकर खा जाएँगे वे उन्हें। … [Read more...]
राम का पत्नी प्रेम
राम ने फूल चुने और अपने हाथों से उन फूलों के आभूषण बनाए। इसके बाद वे बैठ गए एक सुन्दर चमकीली चट्टान के ऊपर और फिर वहाँ राम ने पूरे आदर के साथ वे आभूषण सीता का पहनाए। अब आप यहाँ देखिए राम की वह अद्भुत संवेदनशीलता, जो उन्हें ईश्वरत्व के निकट ले जाती है। आभूषण बनाकर उन्होंने वे गहने सीताजी को सीधे थमा नहीं दिए कि ‘लो सीते, तुम इन्हें पहन लो।’ बल्कि किया यह कि उन्होंने वे … [Read more...]
गुस्साए हुए परशुराम
पगला गए हैं गुस्से में परशुराम। जब गुस्सा ज्यादा होता है, तो आदमी कभी अपना संतुलन बनाए रख ही नहीं पाता, फिर चाहे वह कितना भी क्यूँ न कहे कि ‘मैं ठीक हूँ, आई एम ओके’। वह ठीक नहीं रहता। वह ओके नहीं रहता। केवल कहता भर है। परशुराम जी गुस्से में हैं। धमक आए हैं स्वयंवर स्थल पर। जनक जी ने उन्हें बता दिया कि यह क्यूँ हुआ। बता दिया कि सीता का स्वयंवर रचा गया था। इस पर परशुराम जी जनक से … [Read more...]
राम में प्रेम की प्रेरणा
राम के लिए सीता के प्रति प्रेम का भाव किस तरह से प्रेरणा का काम करता है, इस बारे में हमें एक अत्यंत रोचक और रोमांचक प्रसंग मिलता है। इससे पहले कि राम धनुष के पास पहुँचें, राम ने सीता की ओर देखा। फिर धनुष की ओर देखा। पहले सीता फिर धनुष, न कि पहले धनुष और फिर सीता। यह करके उन्होंने सीता के पास संदेश भेज दिया कि प्रथम तो तुम हो, उद्देश्य तो तुम हो। धनुष तो केवल तुम तक पहुँचने का … [Read more...]
राम का लघु वन गमन
सच तो यह है कि विश्वामित्र के साथ राम का जाना एक प्रकार से वन गमन ही था, फर्क केवल इतना था कि यह लघु था और इस वन गमन में कोई नारी पात्र नहीं थी, न तो वन भेजने के मामले में (कैकेयी) और न ही साथ जाने के मामले में (सीता)। दशरथ तो विश्वामित्र जी के साथ भी भेजना नहीं चाहते थे। लेकिन थोड़े दिनों की बात सोचकर, साथ ही विश्वामित्र से थोड़ा डरकर उन्होंने ज्यादा आनाकानी किए बिना … [Read more...]
राम को किसने दिया वनवास?
जब विश्वामित्र् आकर दशरथ से राम और लक्ष्मण को माँगते हैं, तो पिता के कहने पर राम चल देते हैं। यह भविष्य् के चौदह वर्ष के वनवास की उनकी एक प्रकार से पूर्व- तैयारी थी, उसका पूर्वाभ्यास था। ठीक है। पिता ने कहा। राम ने इसके खिलाफ कुछ नहीं कहा। पिता की आज्ञा मानी और चुपचाप चल दिए। लेकिन बाद में वे चौदह वर्ष के लिए वनवास क्यों गए? क्या पिता ने इसके लिए भी राम से कहा था? … [Read more...]
स्टूडेन्ट और पर्सनैलिटी डेवलपमेंट
आज के दौर में जिंदगी का कॉम्पटीशन केवल पढ़ाई के दम पर नहीं जीता जा सकता। जिंदगी में आगे निकलने के लिए कुछ अलग और ख़ास बनने की ज़रूरत होती है। और यह झलकता है आपकी पर्सनैलिटी से, जो भीड़ में होते हुए भी आपको भीड़ से अलग बना देती है। ‘पढ़ो तो ऐसे पढ़ो’, ‘स्टूडेंट और टाइम मैनेजमेंट’, ‘स्टूडेंट और मन की शक्ति’ इन तीनों पुस्तकों की आपार सफलता और लोकप्रियता के बाद लेखक डॉ. विजय … [Read more...]
लाइफ मंत्रा
“छोटी -छोटी बातों से ही जिंदगी बड़ी बनती है,” जीवन के इस अद्भुत रहस्य को आप जान सकेंगे इस छोटी सी दिखने वाली एक बड़ी किताब से। हालाकि इस पुस्तक का कोई भी अध्याय दो पृष्ठ से अधिक का नहीं है, लेकिन इनमें भरा ज्ञान अथाह है। इन्हें जानना सफलता और आनंद के रहस्य को जानना है। मजेदार बात यह भी है कि आप जीवन की इन गहराइयों में छोटे-छोटे रोचक किस्से और … [Read more...]
Dr. Vijay Agrawal’s Interview on TV Asia
An exclusive interview Of Dr. Vijay Agrawal taken by TV ASIA during his US Lecture Series. … [Read more...]
About Dr. Vijay Agrawal
An eminent author and a prolific orator, Dr. Vijay Agrawal has motivated young and old alike to bring out the best in them. His discourses on Life-Management have won him laurels from across the nation; whereas more than 80 books emanating from his pen have earned him adoration of countless readers. A man of letters, he uses his words judiciously. Still, more than his words, it … [Read more...]
भ्रष्टाचार पर समुद्र मंथन की जरूरत
भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ होने वाले तथाकथित दो जन आन्दोलन खत्म हो गये हैं। आन्दोलन के दौरान बेहद उत्तेजित एवं उल्लसित जनभावनायें आज उतनी उत्तेजित दिखाई नहीं दे रही हैं। फिलहाल इस मुद्दे को लेकर कुछ प्रश्न दिमाग में कुलबुला रहे हैं, जिनके उत्तर मिलने ही चाहिए। … [Read more...]
मरना भी महंगा है जहाँ
अमेरिका के लास एंजलिस में हालीवुड के नामी-गिरामी एक्टर और एक्ट्रेस ही नहीं रहते, रामजी भाई पटेल भी रहते हैं। मझोले कद के रामजी भाई पटेल- सिर घुटा हुआ, गाल थोड़े से उभरे हुए और चमकती हुई चौकन्नी आँखें। मुझे उनकी बातें सुनने में म्यूजिक जैसा सुख मिलता था, … [Read more...]
धैर्य का महत्व
हमारे लोग धैर्य के महत्त्व को, इसके जादुई करिश्मे को अच्छे से जानते थे। वे प्रकृति के इस सिद्धान्त से अपने जीवन के सिद्धान्त निकालते थे कि जो कुछ भी होता है, वह समय के अनुकुल ही होता है। गीदड़ की जल्दबाजी में कभी बेर नहीं पकते। और यदि गीदड़ जल्दबाजी करेगा, तो निश्चित रूप से किसी न किसी के हाथों मारा जायेगा। … [Read more...]
नेतृत्त्व करें
नेतृत्त्व करें, अनुकरण नहीं। ज्यादातर लोग अनुकरण करना चाहते हैं, क्योंकि ऐसा करना सबसे आसान होता है। इसके लिए न तो सोचना पड़ता है और न ही किसी तरह की कोई जहमत उठानी पड़ती है। … [Read more...]
आध्यात्मिकता और आन्तरिक सन्तुलन
सच पूछिये तो आध्यात्म और कुछ भी नहीं, बल्कि आपका अपना ही आन्तरिक संतुलन है। मैं यह मानता हूँ, और मैंने इसे पूरी संवेदनशीलता के साथ बहुत गहराई से महसूस भी किया है कि जब हमारा आन्तरिक संतुलन कायम रहता है, … [Read more...]
जीवन में सुनने का महत्व
मित्रों, मेरी सलाह मानिये और अपनी जिन्दगी में सुनने को ज्यादा महत्व देना शुरू कर दीजिये। आप देखेंगे कि कैसे ज्ञान के स्तर पर, एकाग्रता के स्तर पर कम्युनिकेशन स्किल के स्तर पर और कुल-मिलाकर यह कि आपके अपने व्यक्तित्व के स्तर पर कितने अधिक सकारात्मक परिवर्तन होने शुरू हो जायेंगे … [Read more...]
आस्था को मजबूत करें
हमारी आस्था हमारे जीवन की सबसे बड़ी दौलत होती है। हममें यह आस्था पैदा हो, वह आस्था बनी रहे और दिन-प्रतिदिन मजबूत होती जाये, इसके लिए हमें इन कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए - … [Read more...]
सफलता का अर्थ
मेरे प्रिय युवा साथियों, यदि मैं आपसे सफलता की परिभाषा पूछूँ, तो मैं जानता हूँ कि आपका उत्तर क्या होगा। आपका उत्तर यही होगा कि जिस उद्देष्य में हम लगे हुए है, उस उद्देष्य को पा लेना ही सफल हो जाना है। … [Read more...]
आशीर्वाद का विज्ञान
चीन के दार्शनिक लाओत्से ने कहा था कि ‘‘जो यह कहता है कि मैं कुछ नहीं जानता, वही सचमुच में जानता है।’’ … [Read more...]
सिंपल लिविंग के मायने
“मैंने अपने पिता को अपनी कमाई से होंडा की सिविक कार खरीदकर दी, पर वे आज भी लोकल बस और ट्रेन से ही सफर करते हैं । … [Read more...]
बिन साहस सब सून
अधिक तर्क-वितर्क करने यानी कि किसी भी मुद्दे पर बहुत अधिक सोच-विचार करने वालों में भी साहस के गुण की कमी देखी गई है। यहाँ मेरा आशय यह नहीं है कि जो कुछ आप करने जा रहे हैं, उसके बारे में सोच-विचार करें ही नहीं। करें, लेकिन एक सीमा तक यदि आप एक सीमा से आगे बढ़कर सोच-विचार कर रहे हैं, तो यह आपके इस झुकाव को दिखाता है कि आप साहस नहीं कर रहे हैं। … [Read more...]
Hanuman Who Never Failed
This book highlights Hanuman's qualities, emotions, thoughts, actions and values in life as has been characterized in the great epic that are in sync. even with today's management principles, and because of which Hanuman could succeed in everything entrusted upon him. … [Read more...]
कौन है राजनीति का अन्ना हजारे?
यदि हम “राजनीति का अन्ना हजारे” ढूँढें, तो निगाह किसकी तरफ उठेगी? यहाँ अन्ना हजारे का मतलब है भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाला एक ऐसा राष्ट्रीय व्यक्तित्व, जिसका अपना दामन भी पाक-साफ हो। … [Read more...]
ऊर्जा का उत्सव: नवरात्री
हांलाकि हमारे यहाँ आम लोगों के बीच दो ही नवरात्री के दो ही उत्सव अधिक प्रसिद्ध हैं, लेकिन हैं ये कुल पाँच। एक नवरात्री सितम्बर-अक्टूवर माह में आती है, और दूसरी मार्च-अप्रैल में। ठंड के मौसम की शुरूआत में मनाये जाने वाली नवरात्री को, जहाँ महानवरात्री कहा जाता है, वही … [Read more...]
एक गाँव का शोक गीत
लगभग बीस सालों के बाद गया था मैं अपने गाँव चन्द्रमेढ़ा, जो छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर से मात्र पचास किलोमीटर की दूरी पर है। जिस कच्चे स्कूल में मैं पढ़ता था, वहाँ उस दिन भी बच्चे पढ़ रहे थे, किन्तु उस समय का जवान स्कूल आज दमें के रोग से ग्रस्त बूढ़ा स्कूल नजर आ रहा था। … [Read more...]
प्रशासनिक सेवाओं से खारिज किया गया भारत…
इंडियन सिविल सर्विसेस यानि कि भारतीय प्रशासन की रीढ़ की हड्डी, जिसके जरिए न केवल जिला स्तर पर प्रशासन को सम्हालने वाले आय.ए.एस. और आय.पी.एस. अफसरों की ही भर्ती होती है … [Read more...]