Dr. Vijay Agrawal

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प्यारनामा

  • यदि सोच-विचार करना है, तो पहले कर लो। लेकिन प्यार करने के बाद सोच-विचार मत करो।
  • तुम जिससे प्यार करते हो उसको प्यार करने से बेहतर है उससे प्यार करना जो तुमसे प्यार करता है।
  • प्यार बाँधता नहीं है, आजाद करता है।
  • प्यार जीवित रहे, इसके लिए जरूरी नहीं है कि वह आपका हो ही जाए।

क्या आपने फिल्म ‘बर्फी’ देखी है यदि ‘हाँ’ तो इस नज़रिए से एक बार फिर से देखिए यदि आप चाहते हैं तो। यदि नहीं देखी, तो इस नज़रिए से एक बार देख लेने में कोई हर्ज नहीं।

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